कविता - 🌷 " गर्व की बात "
कवयित्री - तिलोत्तमा विजय लेले
तारिख - शुक्रवार, २६ जुलाई २०२४
समय - दोपहर २ बजकर १६ मि.
भारतीय संस्कृती क्षमता और साहस की कर्तव्य-भूमि है
युगों युगों से सैनिकों ने लड़ कर विजयश्री हासिल की है
ऐसा ही एक यादगार महा-भयंकर-युद्ध है, कारगिल का
जहां दुश्मनों के साथ ही कठोर प्रकृति से जूझना पड़ा था
कड़ाके की ठंड-दुर्गम भूमि-शत्रुसेना का मजबूत किला था
भारतीय सैनिकों के बेहतरीन शौर्य की, बलिदान की गाथा
कारगिल में लड़ाई ३ मई से लेके २६ जुलाई तक चली थी
भारतभूमि को बचाने हेतु सैनिकों ने, प्राणों की आहुती दी
सब चुनौतियों का सामना करते हुए हमारे वीर जवानों ने,
अदम्य साहस दिखा दिया और अद्भुत इतिहास रचाया है
कप्तान विक्रम बत्रा जैसे महान वीरों की वीरता दुनिया में
मरते दम तक प्रेरित करेगी वीर शहीदों की कुर्बानियां, हमें
२६ जुलाई को दुश्मनों को खदेड़कर युद्ध समाप्त हुआ था
इसलिए ये महत्वपूर्ण-"कारगिल-विजय-दिवस"-माना गया
ये जश्न मनाने का तथा उस युद्ध से सीख लेने का भी दिन है
ये-युद्ध,एकजूट-तैयारी, धैर्य, कड़ी मेहनत का सबक़ देता है
जिस दिन तक चांद-सूरज-सितारें आस्मां में विराजमान रहेंगे,
शूर-वीरों के प्रति सम्मान, प्रेरणा का स्रोत बनें आश्वस्त करेंगे
साहस और बलिदान से देश का गौरव बढ़ानेवाले सैनिकों पे
जनता को गर्व था, है, और कईं-सदियों-तक बरकरार रहेगा
🌷@तिलोत्तमा विजय लेले
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