कविता : 🌷 " वो कौन है ? "
कवयित्री : तिलोत्तमा विजय लेले
वो कौन है, जो प्यार-भरे दिलों के बीच में…
सदा ही रहतीं है, चाहत की धड़कनें बनके…
वो कौन है, जो हर एक लफ़्ज़ों के बीच में…
स्थित है मौन बनके, गहरे अर्थ के रूप में…
वो कौन है, जो हर जीव की सांस-सांस में
सदा ही रहती है, आरज़ू या जूश्तजू बनके…
वो कौन है, जो साथ निभाएं बिना स्वार्थ के…
ना रूप है ना रंगत है, अपना यूं साया बनके…
वो कौन है, जो उलझनमें डालें हर किसी को…
जवानी के रूप में, बहुत सताएं एक एक को…
वो कौन है, जो आंख-मिचौली खेलके चुपके…
चंद्रमा के रूप में छिपे, काली बदली के पीछे…
वो कौन है, जो फुलों में रंग, मनमें सुगंध भरें
आकाश में सितारे चमकायें, प्रकृति में बहारें…
वो ईश्वर रूपी स्पंदन हैं, जो मां की कोख से…
जन्म लेके विविध रूपों में विश्वमें समा जाएं…
🌷@तिलोत्तमा विजय लेले
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