कविता – 🌷 ‘ जिंदगी ‘

कविता - 🌷 ' जिंदगी '
कवयित्री - तिलोत्तमा विजय लेले

हर-एक-पल गुज़रती हुई ये जिंदगी,
अजीबसा जादूभरा आईना ही तो है

अगर ध्यानसे उस में देखा जाय तो,
सब-कुछ उल्टा-पुल्टा ही दिखता है

जिंदगी ईश्वरने फुर्सत से बुना हुआ
सुंदरसा अनोखासा ख्वाब ही तो है

उस ख्वाबको एकबार जीने केलिये,
हजारो बार मरना बिल्कुल कुबूल है

यह ख्वाब कभी हंसाता है तो कभी
बिना वजह रोने पर मजबूर करता है

यह ख्वाब तो प्यार-दुलार के संग-संग
भर लेता है, रिश्ते नातों के सैकड़ों रंग

🌷@तिलोत्तमा विजय लेले
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