कविता : 🌷 ‘ सपनों में साजन ‘

कविता : 🌷 सपनों में साजन ‘
कवयित्री : तिलोत्तमा विजय लेले
तारिख : बुधवार, १५ मार्च २०२३
समय : ०२ बजकर २३ मि.

चुपके-चुपके मूंदकर आंखे,
सब जग देखूं, जागे-जागे ll धृ ll

सपने सुहाने नैना देखें
दिन-रात वो जागे, बिना ही सोये
पलकें बिछाये राह वो ताके
सांझ-सवेरे, सांझ-सवेरे ll १ ll

दिलं में साजन करे इशारे
धक-धक करे, वो धडकन बन के
हर बाग़ में साजन हंस कर महके
खिल-खिल जाये, वो कलियां बन के ll २ ll

नीले-नीले आस्मां, वो छूंकर आये
किल-किल करे वो पंछी बन के
हरी-भरी वादियां, सजना ले लाये
झूम-झूम जाये, वो बहार बन के ll ३ ll

चांदनियों संग रास रचाये
हंस कर देखे, वो चांद बन के
हर रंग की चादर ओढ के साजन
गुन-गुन करे, वो भंवरा बन के ll ४ ll

@तिलोत्तमा विजय लेले
🙏🕉️🔆


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