कविता – 🌷 ” श्रद्धा-भक्ति-शांति “


कविता - 🌷 " श्रद्धा-भक्ति-शांति "
कवयित्री - तिलोत्तमा विजय लेले

भगवान श्री गणेश को समर्पित, गणेश चतुर्थी का ये है त्योहार
भारतभूमिमें लोग करतें हैं जिसका पूरे साल बेसब्री से इंतजार
गणेशोत्सव भाद्रपद महीने में शुक्ल पक्ष के चतुर्थी को होता है
महाराष्ट्रमें बड़ी श्रद्धा, खुशी तथा उत्साहके साथ उसे मनाते हैं

बाप्पा मोरया के जन्मदिवस के जश्न स्वरूप में मनाया जाता है
अपने घरों और ऑफिसोंमें गणेशकी मूर्ति की स्थापना करते हैं
माता पार्वती और भगवान शिव के प्रथम पुत्र हैं भगवान गणेश
रिद्धि, सिद्धि उनकी पत्नियां, शुभ, लाभ हैं पुत्रोंके नाम-विशेष

गणेश को सौभाग्य, समृद्धि और ज्ञान के देवता, माना जाता है
भक्तभी बाप्पा मोरयाको प्रसन्न करने केलिए हर जतन करते हैं
इस पावन उत्सव में उनके प्रिय मोदक, लड्डूका भोग लगाते हैं
षोडशोपचार पूजा नारियल, दूर्वांकुर, लाल फूल चढ़ाके होती हैं

मूर्ति को हर घर,गली, मोहल्ले में पंडाल बनाकर करतें, स्थापित
खुशहाली-सुख-शांति की कामना मनमें लिए, भक्त गाते हैं गीत
मोदक, लड्डू, दूर्वा, फल, फूल आदि चढ़ा कर, आरती करते हैं
उन्हें बाधाओं को दूर करनेवाले भगवानके रूप में पूजा जाता है

वो प्रथम पूज्य देवता हैं,शुभ कार्यसे पहले गणेशपूजा की परंपरा
पाठ करते हैं गणपति अथर्वशीर्ष, गणेश स्तोत्रों आदि भजनोंका
कोने-कोने में ‘गणपति बाप्पा मोरया,मंगल मूर्ति मोरया’गूंजता है
देश-विदेशसे उत्सव देखने हेतु, खास तौर पर लोग मुंबई आते हैं

हरेक मोहल्ले में ढोल-ताशा-लेझिम-शंखकी ध्वनि गूंज उठती है
श्री गणेश पूजन से घर-परिवार में सुख समृद्धि का वास होता है
मान्यता है कि गणेशोत्सव के दौरान गणेश, पृथ्वी पर ही रहते हैं
वो सुखकर्ता-दुखहर्ता हैं,भक्तों के कष्टोंको कोसों दूर भगा देते हैं

विधि विधान केसाथ पूजा पाठ और फूलोंसे सजे रथों में बिठाके
शोभा-यात्रा निकालते हैं,भक्तोंकी भीड़ सड़कोंपर उमड़ आती है
लोग‘गणपति बाप्पा मोरया,मंगल मूर्ति मोरया’जयकारा लगाते हैं
प्रचलित मान्यताके अनुसार,गणेश मूर्तिके विसर्जनके साथ ही वे,

घरमें आनेवाली पीड़ाओं बाधाओंको भी दूर विसर्जित कर देते है
घरघरमें भक्तोंके मनमें श्रद्धा-भक्ति-शांतिकी भावना दृढ़ होती है

🌷@तिलोत्तमा विजय लेले
🙏🕉️🔆

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *


error: Content is protected !!