कविता : 🌷' बेहतर बनाए '
कवयित्री : तिलोत्तमा विजय लेले
तारिख : २१ मे २०२४
समय : रात ८ बजकर १८ मि.
अगर कोई हमसे पूछ लें की
आखिर जिंदगी में क्या किया?
भूले-बिखरे-भटके हुए विचार ...
मन-ही-मन में यूं ही हुए साकार ...
हम गहरी सोच में पड गये की,
माँ-बाप के अच्छे सुपूत तो हैं ही
उसके अलावा और क्या किया?
जो भी हो सकता था, अच्छा किया ...
एक अच्छे दोस्त बननेकी कोशिश ...
हर समय दोस्ती निभाने की कशिश ...
उसके सिवा, और क्या किया?
हर पल भला इन्सान बनना चाहा ...
वास्तव, सत्य से परे होता है ...
जब देखो कोसों दूर भागता रहता है ...
हमें चाहिए कि जिंदगी अर्थपूर्ण बनाए
वास्तव को स्वीकार कर, बेहतर बनाए ...
जब-जब याद आता है ये प्यारा संदेश,
मिट जातें हैं तन-मनके सारे ही क्लेश ...
@तिलोत्तमा विजय लेले
🙏🕉️🔆
Leave a Reply