कविता – 🌷 ‘ बहारोंका मौसम ‘

कविता - 🌷 ' बहारोंका मौसम '
कवयित्री - तिलोत्तमा विजय लेले
तारिख - शनिवार, ११ मई २०२४
समय - रात , १० बजकर २५ मि.

यूं देखा जाए तो,
जिंदगी आसान नहीं होती,
उसे आसान करना, आसान है...

कुछ 'अंदाज' से,
कुछ....
नजर अंदाज से

कुछ लोगोंका कहना है कि,
जिंदगी जीना आसान नहीं...

कुछ लोगोंका अनुभव कहता है,
जिंदगी देनेवालेपर छोड दी जाएं...

कुछ लोग मान कर चलते हैं कि,
जैसे हो, बस्स वैसे ही रहो...

कुछ भी ना करें, सिवा प्रभू के चिंतन में
तन-मन से सुमिरन में लगे रहे।...

पूरी सहजतासे, हरपलको, जी ले अगर,
पूरी शिद्दतसे,जिंदगी समर्पित करे अगर

चिंता मिटे, फिकर न रहे हरदम...
जिंदगीमें आए बहारोंका मौसम...

🌷@तिलोत्तमा विजय लेले


Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *


error: Content is protected !!