कविता : 🌷’ नटखट लाला ‘

कविता : 🌷' नटखट लाला '
कवयित्री : तिलोत्तमा विजय लेले

जमुना तट पर बन्सी बजैया
गोप-गोपी संग रास रचैया
माखन चोर नटखट ग्वाला
दिल चुराये किशन कन्हैया

चोरी-चोरी चुपके-चुपकेसे
जादूभरे प्यारे नैना मिलाके
नीले अंबर तले लाल रंगीला
सुंदर मन, मुख भोला-भाला

नन्दके लाडले नटखट लाला
नन्हे-मुन्हे से गिरिधर गोपाला
भोगमें हरदिन जो कुछ पाया,
सबकुछ गौ माँ को खिलाया

🌷@ तिलोत्तमा विजय लेले
🙏🕉🔆

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *


error: Content is protected !!