कविता - 🌷 ' दुवाँए रंग लाती हैं '
कवयित्री - तिलोत्तमा विजय लेले
हर एक माँ अपने आप में एक मिसाल है
अपने नवजात को सीनेसे लगाये रखती है
दिलोंजान से पाल-पोसकर बडा करती है
फिर वो इन्सानी हो या किसी प्राणीकी हो
अगर दिल से ईश्वर को देखना चाहते हो
तो देखो अपनी-अपनी जन्मदात्री मां को ...
दिल से ईश्वर का शुक्रिया अदा करना है
तो सेवा-सुश्रुषा-सहायता करो माता की
जननी मां भगवान का साक्षात् स्वरूप है
धन्य भाग हमारे, जो माँता के दर्शन पाये
दर्शन ही काफी है जो सारे ही पाप धुलाये
कुदरत का यह कमाल, बेहद खूबसूरत है
दुनिया में जब दिलसे दी जाती हैं यें दुवाँए
सदियों से देती हैं ममता की लाखों सदाँए
सच में माता रानी को बहुत प्यारी लागे हैं,
प्रेमभाव भरी दुवाँए हमेशा ही रंग लाती हैं
🌷@तिलोत्तमा विजय लेले
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