कविता - 🌷 " तमन्ना "
कवयित्री - तिलोत्तमा विजय लेले
इतनी सी तमन्ना है कि जितनी भी ज़िंदगी हो
हंसतीं-हंसाती हसीन सपने जैसी खुबसूरत हो
मन की दहलीज़ पर कोई भी बुरा साया ना हो
दिल को सदा ही सुकून से भरा पूरा एहसास हो
आरज़ू है, किसी मासूम मुस्कान पर निसार होऊं
किसी दुखी का दर्द हो सकें उतना कम कर सकूं
जीवनका सफ़र आबाद होके खुशहालीमें बिताऊं
जब जब हों सकें किसी जरूरतमंदके काम आऊं
प्यार का दामन थामें जितना हों सकें प्रेम बांट दूं
दुनियामें हर-पथपे कांटोंकी अपेक्षा फूल बिछाऊं
ये तमन्ना है कि हर बंदे की, सारी ज़रूरतें पूरी हो
राजा-रंक भेद मिटें, सबको रोटी-सब्जी नसीब हो
ख्वाहिश है कि विश्व में लड़ाई पर पाबंदी लग जाएं
पूरे जगतमें मानवता तथा भाईचारा नज़र आ जाए
🌷@तिलोत्तमा विजय लेले
🙏🕉️🔆
Leave a Reply