कविता 🌷 " जनम सफल "
कवयित्री - तिलोत्तमा विजय लेले
सोचूं अगर स्वयं ईश्वर मिल जाए मुझे...
और पूछें," कौनसा वरदान चाहिये तुझे"...
कहूंगी," सारे सुख दे मेरे बच्चोंको, दाता"
लंबी आयु, बेहतर सेहत दे उन्हें विधाता"
खुशियां बहें नदी की तरह हर-परिवार में
घर के हरेक सदस्य के मन में, प्यार पले...
एक दूजे के मन को-भावनाओं को संभालें
"मेरा ये जीवन, अब से कर दिया तेरे हवाले"
सत्कर्म-प्रेम-ममता तन-मन में जगायी जाये
नफ़रत भरे-विचारों के बादल कभी ना छायें
आस्मान से स्वर्ग उतर कर यूं धरती पर आएं
हे ईश्वर, ऐसे में जनम-जनम सफल हो जाएं
🌷@तिलोत्तमा विजय लेले
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