कविता - 🌷 " खुशियां झोली में "
कवयित्री - तिलोत्तमा विजय लेले
जन्मदिन यह एक ऐसा दिन है, जो हरदम
याद दिलाता है हर किसीको, अपना जन्म
हर पल हम भूल जाते हैं, हमारा आगमन
इस धरती पर, क्यों हुआ है, किस कारण…
ईश्वरने विशेष योजना बनाकर भेजा होगा
हर इन्सान को वो पता करना ज़रूरी होगा
हर साल जन्मदिवस जोशमें मनाते जाते हैं
एक-एक-दिन करते, सालोंसाल यूं बीततें हैं…
ज़िंदगी की तमाम उलझनोंमें ऐसे फंसे हुए…
तुफानी समुन्दर की लहरों से मानो घेरें हुए…
हमलोगों से ईश्वर की जो भी अपेक्षाएं होगी…
उनके मुताबिक अगर हम जी सकते ज़िंदगी,
गृहस्थी निभाते हुए निड़र सत्कर्म-के पथपर…
मानवताका धर्म निभानेमें, इन्सान हो तत्पर…
नष्ट होगी फिक्र, जीवन-की-धारा सही दिशामें
आयुष सफल होने के साथ, खुशियां झोली में
🌷@तिलोत्तमा विजय लेले
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