कविता - 🌷 " कृतज्ञता-का-एहसास "
कवयित्री - तिलोत्तमा विजय लेले
“गुरु गोविंद दोऊ खड़े काके लागूं पाय, बलिहारी गुरु आपने गोविंद दियो बताए”
ये दोहा संत कबीर जी ने लिखा है, शिष्यों के जीवन में गुरु की महत्ता बताते हुए
युगों-युगों के इतिहास से, भारत सदैव एक गुरुप्रधान देश रहा है
चाहे कबीर हो या रैदास,सब ने ही गुरु को अपना सर्वस्व माना है
भारतीय संस्कृती में प्राचीन काल से ही गुरु का अव्वल स्थान रहा
राजा महाराजाओ ने भी सबसे श्रेष्ठ मानकर गुरुको उंचा दर्जा दिया
बच्चेके जीवनमें माता पिता के बाद अध्यापक का ही स्थान होता है
बच्चे तो मिट्टी के पुतले, मानसिक-नैतिकतासे गुरु मजबूत बनाते हैं
शिक्षक दिवस हर व्यक्तिके जीवनमें एक बहुत ही महत्वपूर्ण दिन है
हर व्यक्ति चाहे वो युवा हो या बूढ़ा, किसी न किसी दिन छात्र रहा है
डॉ. राधाकृष्णन ने सुझाव दिया की "जन्मदिन मनाने के बजाय उसे,
शिक्षक दिवसके रूपमें अध्यापन पेशेके प्रति समर्पण-रूपमें मनाए"
शिक्षा-क्षेत्र में अभूतपूर्ण योगदान से ही डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन के
जन्मदिन, 5 सितंबर को"भारतीय शिक्षक दिवस"मान कर, मनाते हैं
ये दिन शिक्षकोंके प्रति कृतज्ञता से,उत्साह सम्मान के साथ मनाते हैं
शिक्षक दिवस पर स्कूलों-कॉलेजों में एक उत्सव का माहौल होता है
शिक्षकोंके प्रति प्यार-सम्मान देने, छात्र कार्यक्रम आयोजित करते हैं
उनके योगदान केलिए उन्हें फूल, उपहार देके आभार प्रकट करते हैं
संपूर्ण विश्वमें अध्यापकों का शुक्रिया अदा करने हेतु ये विशेष पर्व है
गुरु हर बच्चेके आंतरिक-मन को गढ़कर उसे आदर्श इंसान बनातें हैं
गुरु वो शख्सियत जो हटाते हैं मन-वचन-कर्मसे अज्ञान रूपी अंधेरा
ज्ञान रूपी प्रकाशसे शिष्यके जीवनमें लाएं, तेजोमय आत्मनिर्भरता
जीवन में शिक्षक महान और सब से महत्व-पूर्ण भूमिका, निभाते हैं
ज्ञान-आत्मविश्वास बढ़ाते हुए सफलता पाने,सही आकार भी देते हैं
ये दिवसही ऐसा दिन है जो छात्र-शिक्षक-बंधनको मजबूत करता है
ये उत्सव कृतज्ञता के भाव को दृढ़ करने का एक शानदार तरीका है
कोई गुरु के महत्व के बारे में जितने भी शब्द कहें, कम पड़ जाते हैं
दुनिया भर में सौ से ज्यादा देश,शिक्षक-दिवस का एहसास मानते हैं
एक छात्र और शिक्षकका-रिश्ता-इस देशमें सबसे महत्वपूर्ण चीज है
भारतको विश्वगुरु बनने, लंबे समय तक उसे बनाए रखना-जरूरी है
🌷@तिलोत्तमा विजय लेले
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