कविता : 🌷' उचित सम्मान ‘
कवयित्री: तिलोत्तमा विजय लेले
तारिख : रविवार, २२ सप्टेंबर २०२४
“ यत्र नार्यस्तु पुजयन्ते रमन्ते तत्र देवता: ”
अर्थात् जहाँ नारियों को सम्मान है, वहाँ साक्षात् देवता का निवास है
यह वेद वाक्य है अर्थात हमारे वेदों में नारियों को उच्च स्थान प्राप्त है
परन्तु सदियों से नारी घोर अन्याय, अत्याचार, शोषण से जूझ रही है
पौराणिक संस्कृति में महिलाओं को सम्मान और इज्जत मिलती थी
लेकिन बदलते समय के साथ-ही-साथ लोगों की सोच भी बदल गई
आज २१ वी सदी में एक ओर दूसरे ग्रहों पर जाने की, बातें हो रही हैं
वहीं दूसरी तरफ बेटियाँ अपने घरों से बाहर निकलने पर कतरा रही हैं
जिससे यह महसूस होता है कि आज भी देश में पुरुष प्रधानता जारी है
आए दिन देश में कन्या भ्रूण हत्या और शोषण जैसे मामले होते रहते हैं
स्वामी विवेकानंद जी ने कहा था जहाँ महिलाओं का सम्मान नहीं होता,
उस समाज की प्रगति सही मानों में, सही दिशा में कभी नहीं हो सकती
समाज में बेटियों की हो रही दुर्दशा और लगातार घट रहे लिंगानुपात से
समाज के लोगों की संकीर्ण मानसिकता तथा अज्ञान, साबित हो रहें हैं
समाज में बेटी-बेटा के प्रति फैली असामनता की भावना का नतीजा है
कन्या भ्रूण हत्या, बलात्कार जैसे जघन्य अपराधों में बढ़ोतरी हो रही है
हमें समझने कि आवश्यकता है कि पृथ्वी पर मानव जाति का अस्तित्व,
आदमी और औरत दोनों की सम-समान भागीदारीका है महत्वपूर्ण तत्व
स्त्री तथा पुरूष दोनों ही पृथ्वी पर मानव जाति के अस्तित्वके साथसाथ
किसी भी तरह के अत्याधुनिक विकास के लिए समान रूप से जिम्मेदार
बेटियों की स्थिति में सुधार करने-बेटियों के घटे लिंगानुपातमें काबू पाने
औरतों को सुशिक्षित कर, समाज में उचित दर्जा दिलवाने के मकसद से
“बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ”योजना इसी लक्ष्य तथा उद्देश्य से की गई थी
देश की बेटियों के बेहतर भविष्य का निर्माण निश्चित रूप से होना ज़रूरी
सामाजिक व्यवस्था में बेटियों के प्रति रूढ़िवादी मानसिकता को बदलना
बाधाओं को हटाकर बालिकाओं की शिक्षा को पूरी तरह से, आगे बढ़ाना
भेदभाव-पूर्ण-लिंग-चुनाव-की-प्रक्रिया का जड़ से संपूर्ण उन्मूलन करना
कन्याओं की शिक्षा को सुनिश्चित करना और उन को आत्मनिर्भर बनाना
कन्या भ्रूण हत्या पर लगाम लगाकर लड़कियों की स्थिति में सुधार लाना
समाज में बेटी-बेटा के बीच फैली असमानता को, पूरी तरह से मिटा देना
बेटियों की सुरक्षा को सुनिश्चित कर के उनके जीवन स्तर में सुधार करना
उन्हें शिक्षा एवं अन्य सभी क्षेत्रोंमें लड़कियोंकी भागीदारी सुनिश्चित करना
हर नागरिक को कन्या शिशु बचाने के साथ, प्रयास स्तर सुधारने के लिए
लडकियों को माता-पिता द्वारा लडकों के समान ही समझना जाना चाहिए
उन्हें सभी कार्यक्षेत्रों में समान अवसर प्रदान करने की दिशा में प्रगतिशील
महिलाओं के खिलाफ बढ़ रहे अपराधों को रोकने ये एक प्रशंसनीय पहल
जहां अब लोग बेटियों की सुरक्षा और शिक्षा को लेकर जागरूक हो रहे हैं
वहीं दूसरी तरफ एक सभ्य, सुशिक्षित समाज के निर्माण में, मदद मिली है
योजना के तहत बेटियों की जिंदगी सँवरकर, हुआ बेहतर भविष्य का निर्माण
इसके साथ समाज में विकसित हो रहा है, महिलाओं के प्रति उचित सम्मान
🌷@तिलोत्तमा विजय लेले
🙏🕉️🔆
Leave a Reply