कविता : प्रार्थना 🌷' संसार पार '
कवयित्री : तिलोत्तमा विजय लेले
तारिख : बुधवार, ३ एप्रिल, २०२४
वेळ : ७ बज कर २२ मि.
तेरा मेरा ये रिश्ता ...
भूलूॅं ना इक पल भी माता ...
सदा समर्पित ये जीवन,
रहे तेरे चरणों में माता || ध्रु ||
तेरे दिखाए पथपर ओ माता
चार कदम हम हैं चलतें ...
सारी मुश्किलें दूर यूँ भागे,
दामन खुशी से भर जाता || १ ||
जैसे चमन में फूल हैं खिलते
'सहज'में हम सब हैं मिलतें ...
तेरे 'निर्मल' प्यार को पा के,
जीवन धन्य हो जाता || २ ||
कर के सुमिरन ...
हर पल हर दिन,
भूलूॅं न इक पल ओ माता ...
नाम तेरा मांझी बन कर,
संसार पार कराता || ३ ||
🌷@तिलोत्तमा विजय लेले
🙏🕉️🔆
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