कविता : प्रार्थना 🌷' जन्म जन्म का नाता '
कवयित्री : तिलोत्तमा विजय लेले
ताल - दादरा
तेरा मेरा ये नाता
छूटेना पलभर ओ माता ...
सदा अर्पण ये जीवन,
रहे तेरे चरणों में माता || ध्रु ||
जिये हर-पल
हम सब तेरी
कृपा पर ओ माता ...
नाम तेरा उजाला बन कर,
मन का अंधेरा मिटाता
राह हमें दिखलाता || १ ||
हम से कोई भूल हुई तो
तेरी शरण में हम आतें ...
आशीष तेरा जब मिल जाये,
जीवन सफल हो जाता || २ ||
नाम तेरा लेकर ओ माता,
सुख-चैन से हम हैं जीते ...
सपने में भी चेहरा तेरा,
सदियों से ही मुस्कुराता || ३ ||
रिश्ता हमारा जन्म जन्म का
न टूटे कभी भी ओ माता ...
जब तक चांद और सूरज गगन में
तब तक हमारा है नाता || ४ ||
🌷@तिलोत्तमा विजय लेले
🙏🕉️🔆
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